भारत के सभी प्रदेशों में खाने में रोटी का प्रयोग होता है, कहीं पर रोज़ रोज़ और कहीं पर चावल की जगह पर। रोटी भारतीय खाने का एक तरह से मुख्य हिस्सा है और इसे सब चाव के साथ कहते हैं। रोटी को मुख्यतया तरह तरह की सब्जियों और दाल के साथ खाया जाता हैं।
Types of Roti – 10 सबसे ज्यादा घर में बनने वाली रोटी और उनकी रेसिपी (Taste के साथ Healthy भी)
नरम और भाप से भरी रोटी किसे पसंद नहीं होती? चाहे वह आलू या दाल से भरी हो, रैप के रूप में खाई जाए या फिर स्वादिष्ट स्वाद बढ़ाने के लिए करी या दाल के साथ परोसी जाए।
आप में से जो लोग नहीं जानते कि रोटी क्या होती है, तो बता दें कि रोटी एक लोकप्रिय भारतीय चपटी रोटी है जो लगभग हर घर में बनाई जाती है, खास तौर पर देश के उत्तरी भागों में, जिसमें ज़्यादातर साबुत गेहूं का आटा इस्तेमाल किया जाता है।
भारतीय व्यंजनों में रोटी और चावल दो मुख्य खाद्य पदार्थ हैं, चावल का सेवन दक्षिण भारत में ज़्यादा किया जाता है, जबकि रोटी भारत के उत्तरी भागों में मुख्य भोजन है। रोटी कुछ और नहीं बल्कि भारत में विभिन्न आटे से बनी चपटी रोटियों का सामान्य नाम है।
एक समय था जब अगर कोई महिला अच्छी तरह से फूली हुई रोटी बना लेती थी तो समाज उसे एक अच्छी रसोइया मानता था जो अपने परिवार को खुश और संतुष्ट रख सकती थी।
रोटियों की कई किस्में होती हैं (Types of Rotis) और हर क्षेत्र की अपनी खासियत होती है। यहाँ कुछ सबसे लोकप्रिय प्रकार की रोटियाँ दी गई हैं जो न केवल स्वादिष्ट हैं बल्कि पौष्टिक और पेट भरने वाली भी हैं।
रोटी को अलग-अलग तरीकों से और अलग-अलग सामग्रियों का उपयोग करके बनाया जा सकता है। कुछ लोकप्रिय गेहूं के आटे की रोटियाँ (Ingredients for Roti) इस प्रकार हैं:
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चपाती या तवा रोटी – गेहूं के आटे से बनी पतली और मुलायम रोटी
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पराठा – विभिन्न प्रकार की सब्जियों और मसालों से भरा हुआ और गेहूं के आटे से बना हुआ
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फुल्का – छोटी और फूली हुई गेहूं के आटे की रोटी
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पूरी – गेहूं के आटे से तेल में तली हुई छोटी और फूली हुई रोटी
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कचौरी – विभिन्न प्रकार की सब्जियों और मसालों से भरी हुई और गेहूं के आटे से बनी तेल में तली हुई छोटी और फूली हुई रोटी
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तंदूरी रोटी – गेहूं के आटे से बनी मिट्टी के ओवन (जिसे तंदूर कहते हैं) में पकाई गई कुरकुरी रोटी
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नान – मैदा (गहरा पीसा हुआ गेहूं का आटा) का उपयोग करके रोटी और मिट्टी के ओवन (जिसे तंदूर कहते हैं) में पकाया जाता है
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भटूरा – खमीर उठने के बाद मैदा (गहरा पीसा हुआ गेहूं का आटा) के साथ तैयार की गई गहरी तली हुई रोटी
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रूमाली रोटी – बहुत कम आटे से तैयार की जाती है और गर्म कढ़ाई / तवे पर पकाई जाती है। यह मुलायम होती है और रूमाल जैसी दिखती है
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चीला – गेहूं के आटे, रवा और थोड़ी सी दाल के पानीदार मिश्रण से बनाया जाता है
कुछ मुख्य बिंदु हैं जो प्रत्येक को एक दूसरे से अलग करते हैं और स्पष्ट रूप से उन्हें एक अलग स्वाद देते हैं और भोजन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं:
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आटे का प्रकार
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आटा बनाने की विधि
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तैयार करने की विधि
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पकाने का तरीका
आइए और जानें:
1. आटे का प्रकार
हम सभी प्रकार की रोटियों में ज़्यादातर गेहूं के आटे या मैदा का उपयोग करते हैं, लेकिन कुछ अलग प्रकार के आटे जैसे दाल का आटा, चावल का आटा, ज्वार का आटा, बाजरा का आटा, मकई का आटा, रागी का आटा, विभिन्न आटे का मिश्रण या पिसी हुई दाल मिलाने से स्वाद बढ़ जाता है और रोटी की एक अलग शैली विकसित होती है
2. आटा बनाने की विधि
प्रत्येक प्रकार की रोटी के लिए आटा तैयार करने की विधि अलग होती है और यह उन्हें वांछित आकार और बनावट देने की अनुमति देती है। उदाहरण के लिए तवा रोटी और पराठे के लिए आटा सबसे अच्छे परिणामों के लिए थोड़ा अलग तरीके से तैयार किया जाता है। इसी तरह पूरी, भटूरे, कचौरी, नान, रूमाली रोटी और चीला के लिए भी।
3. बनाने की विधि
बनाने की विधि मूल रूप से यह है कि हम किस विधि का उपयोग करके आटे को अलग-अलग आकार और रूप देने के लिए फैलाते हैं।
तवा रोटी, पूरी और फुल्का को एक सपाट लकड़ी या पत्थर के बोर्ड (चकला) पर बेलन से रोल किया जाता है। पराठा और कचौरी भी इसी तरह से रोल किए जाते हैं, लेकिन उनके अंदर भराई होती है।
तंदूरी रोटी, नान, भटूरा, रूमाली रोटी ज्यादातर गीले तेल वाले हाथों का उपयोग करके बनाई जाती हैं और हाथों का उपयोग उन्हें वांछित आकार और रूप में फैलाने के लिए किया जाता है।
जबकि चीला पानी वाले मिश्रण से तैयार किया जाता है, इसलिए इसे गर्म तवे पर फैलाने के लिए एक टेबल स्पून का उपयोग किया जाता है।
4. पकाने का तरीका
अब आइए जानते हैं कि हम इनमें से प्रत्येक को कैसे पकाते हैं। तवा रोटी, पराठा, फुल्का और चीला, ये ज्यादातर गर्म लोहे के तवे पर तैयार किए जाते हैं। हालांकि, तवा रोटी और फुल्का को तवे पर आधा पकने के बाद सीधे आग पर भी पकाया जाता है।
जबकि पूरी, कचौरी, भटूरे को कढ़ाई में गरम तेल में डीप फ्राई किया जाता है। यही कारण है कि इनमें वसा की मात्रा अधिक होती है।
तंदूरी रोटी, नान को मिट्टी के ओवन (जिसे तंदूर कहा जाता है) में दीवारों पर चिपकाकर पकाया जाता है। इससे उन्हें एक खास खुशबू और कुरकुरा स्वाद मिलता है।
जबकी रुमाली रोटी को गरम तवे या कढ़ाई के पीछे बनाया जाता है, ताकि इसे पकाने के लिए वांछित मात्रा में गर्मी मिले और यह बहुत पतली रुमाली जैसी संरचना के कारण ज़्यादा पकेगी या जलेगी नहीं।
आइए इनमें से प्रत्येक प्रकार के बारे में गहराई से जानें (Roti Types) और जानें कि उन्हें कैसे तैयार किया जाए (Roti Recipe):
1. चपाती या तवा रोटी (Basic Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा
विधि : गेहूं के आटे को अच्छी तरह गूंथना बहुत जरुरी है और इसके लिए हम एक परात या कटोरे में गेहूं का आटा लेंगें। अब उसमे धीरे धीरे कर के मिलते हुए पानी डालेंगे। ध्यान रहे की पानी उतना ही डालें की आटा लिसलिसा न हो।
अब इसको अच्छी तरह से मिला लेंगें और इसे अपने हाथों से सही से 15-20 बार दबा दबा के गूँथ लेंगे। इसके बाद गुंथे हुए आटा में अपनी उँगलियों से 8-10 होल कर देंगें और उनमे थोड़ा सा पानी डाल देंगें और फिर इसे 2-5 मिनट के लिए छोड़ देंगें।
इसके बाद इसे फिर से अच्छी तरह से गूँथ लेंगे। ध्यान रखें की आटा ज्यादा कड़ा न हो अन्यथा रोटियां किनारो से फट जाएँगी। इसीलिए इसका मुलायम होना बहुत जरूरी है।
अब गुंथे हुए आटे की मनचाही साइज में माध्यम आकार की गोलियां (लोई) बना लेंगें। अब एक चकला और बेलन लेंगें और इन बनी हुई गोलियों को सूखा आटा लगा कर मनचाहे नाप में बेल लेंगें।
रोटियों के बिलने के बाद गैस पर एक लोहे का तवा चढाएंगें और उसे अच्छी तरह से गरम कर लेंगें। फिर एक एक कर के बिली हुई रोटियों को उस पर डाल के दोनों तरफ से हल्का से पका लेंगें।
अब सवाल है की हल्का सा पका हुआ कैसे पता चलेगा, तो फ्रेंड्स जब तवे पे रोटी पर हलके हलके बबल्स आने लगें तब आप समझ जाना की रोटी हलकी पक गयी है।
इसके बाद रोटी को सीधे गर्म आंच पर दोनों तरफ से सेंक लेंगें। आंच मध्यम ही रहनी चाहिए, नहीं तो रोटी ज्यादा कड़क हो जायेगी ( तेज़ आंच पर) या कच्ची (धीमी आंच पर)।
अब इन गरम गरम रोटियों पर देशी घी लगाकर खाने के लिए परिवार के लोगो को परोस दीजिये।
2. पराठा (Stuffed Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा, देशी घी या तेल, भरावन के लिए मिश्रण आपकी पसंद के अनुसार (प्याज का, आलू प्याज का, मूली का, हरी मेथी का, पनीर प्याज का, पालक का, जीरा अजवाइन का, गोभी प्याज़ का, चीज़ का)
विधि : गेहूं के आटे को अच्छी तरह से गूँथ लेंगें और ध्यान रखेंगे की वो हल्का टाइट हो और साथ ही थोड़ा सा सिल्की हो, जिसके लिए हम गूंथने के बाद इसे घी या तेल को इसके सब तरफ से लगा देंगें और इसे 5 मिनट के लिए एक गीले कपडे से ढक कर छोड़ देंगें। इससे आटे में एक तरह की मुलायमता आ जायेगी और यह भरावन के साथ इसे बेलने में सहायता प्रदान करेगी।
5 मिनट के बाद कपडे हो हटाकर आटे को फिर से थोड़ा सा गूँथ लेंगें और फिर मनचाही गोल गोलियां (लोई) बना लेंगें। अब एक गोलियों को छोटे साइज में बेल लेंगे और एक एक कर के उनमे भरावन को भरेंगें। भरावन भरने के बाद हाथों का प्रयोग करते हुए उसे सामान रूप से पूरी लोई में फैला लेंगे और उसकी फिर से एक गोल लोई बना लेंगें।
अब इसे बीच से किनारो की तरफ धीरे धीरे चलते हुए बेल लेंगें। इस तरीके से भरावन बहार नहीं निकलेगी और साथ ही साथ किनारे भी नहीं फटेंगें।
बेलने के बाद गरम किये हुए तवा पे पराठा को डाल देंगे और इसे एक साइड से हाफ कुक कर लेंगें। इसके बाद दूसरी साइड से भी।
अब हाफ कुक साइड पे देशी घी या तेल अच्छे से लगा देंगें और यही प्रक्रिया दूसरी साइड के साथ भी करेंगें। अब इसे मीडियम आंच पर 3-5 मिनट के लिए पका लेंगे दोनों साइड से।
अब इन गरम गरम पराठों को देशी घी / बटर लगाकर दही / रायते / अचार के साथ खाने के लिए परिवार के लोगो को परोस दीजिये।
3. फुल्का (Soft Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा
विधि : तवा रोटी और फुल्के में एक ही मुख्य अंतर है, वो है साइज और मोटाई का। फुल्के साइज में छोटे होते है और मोटाई में पतले, बाकी इनको बनाने का तरीका तवा रोटी जैसा ही है।
4. पूरी (Fried Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा, खाना बनाने वाला तेल
विधि : गेहूं के आटे को अच्छी तरह से थोड़ा सा देशी घी या तेल मिला कर गूँथ लेंगें। ध्यान रहे यह मुलायम और चिकना रहे जिसके लिए इसे अच्छे से हांथों से मसलना जरुरी है।
फिर इसकी छोटी छोटी गोलियां (लोई) बना लेंगें और उन्हें छोटे साइज में ही चकला और बेलन से बेल लेंगें। अब एक कड़ाई में कुकिंग तेल को डाल देंगें और उसे अच्छे से High Temperature तक गरम करेंगें। अब इसमें एक एक करके बेली हुई पूरियों को तल लेंगें।
अब इन गरम गरम पूरियों को आलू टमाटर की सब्ज़ी (सूखी या रसदार) या पनीर की सब्ज़ी (सूखी या रसदार) या छोले की सब्ज़ी के साथ खाने के लिए परिवार के लोगो को परोस दीजिये।
5. कचौरी (Stuffed और Fried Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा, खाना बनाने वाला तेल, भरावन के लिए मिश्रण आपकी पसंद के अनुसार (प्याज का, आलू प्याज का, हरी मेथी का, पालक का, जीरा अजवाइन का)
विधि : कचौरी के आटे को अच्छी तरह से थोड़ा सा देशी घी या तेल मिला कर गूँथ लेंगें। ध्यान रहे यह मुलायम और चिकना रहे जिसके लिए इसे गूंथने के बाद थोड़ी देर के लिए घी या तेल लगा करा गीले कपडे से ढंक कर रखना जरुरी है।
फिर इसकी छोटी छोटी गोलियां (लोई) बना लेंगें और उन्हें छोटे साइज में ही बेल लेंगें। अब उनमे भरावन को भर देंगें। भरते समय यह ध्यान रखें की मसाला पूरी लोई में सही से फ़ैल जाये।
अब एक कड़ाई में कुकिंग तेल को डाल देंगें और उसे अच्छे से High Temperature तक गरम करेंगें। अब इसमें एक एक करके बेली हुई कचौरियों को तल लेंगें।
अब इन गरम गरम कचौरियों को अचार, दही या रायते के साथ खाने के लिए परिवार के लोगो को परोस दीजिये।
6. तंदूरी रोटी (Clay Oven cooked Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा, तंदूर (Clay Oven)
विधि : गेहूं के आटे को अच्छी तरह से गूँथ लेंगें और ध्यान रखेंगे की वो थोड़ा मुलायम हो और साथ ही सिल्की भी हो क्यूंकि तभी इसे हाथों से आसानी से बनाया जा सकेगा। इसके बाद इसकी मध्यम आकर की लोई बना लेंगें।
अब एक हाथ में हल्का सा तेल लगाकर लोई को उसपे रख लेंगें और फिर दूसरे हाथ में पानी को लगाते हुए दोनों हाथों से दबाते हुए धीरे धीरे इसका साइज बढ़ाते जायेंगे और साथ ही साथ इसमें सूखा आटा भी लगते जायेंगें जिस से यह ज्यादा चिपचिपी न हों।
जरुरी साइज पर पहुँच जाने पे इसको गरम तंदूर के अंदर उसकी दीवार में चिपका देंगें। 4-5 मिनट के बाद एक स्टिक का प्रयोग कर के इसको बाहर निकाल लेंगें। अगर तंदूर अच्छे से गरम है तब यह 4-5 मिनट में ही पक जाएँगी।
अब इन गरम गरम तंदूरी रोटियों पर देशी घी या बटर लगाकर खाने के लिए परिवार के लोगो को सब्ज़ी, छोले या दाल के साथ परोस दीजिये।
7. नान (Clay Oven cooked Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा और मैदा, नमक, तंदूर (Clay Oven)
विधि : थोड़े से गेहूं के आटे में मैदा को मिलाकर उसको अच्छी तरह से गूँथ लेंगें और ध्यान रखेंगे की वो थोड़ा मुलायम हो क्यूंकि तभी इसे हाथों से आसानी से बनाया जा सकेगा। इसके बाद इसकी मध्यम आकर की गोलियां (लोई) बना लेंगें।
अब एक हाथ में हल्का सा घी लगाकर लोई को उसपे रख लेंगें और फिर दूसरे हाथ में पानी को लगाते हुए और दोनों हाथों को दबाते हुए धीरे धीरे इसका साइज बढ़ाते जायेंगे और साथ ही साथ इसमें सूखा आटा भी लगते जायेंगें जिस से यह ज्यादा चिपचिपी न हों।
जरुरी साइज पर पहुँच जाने पे इसको गरम तंदूर के अंदर उसकी दीवार में तेल वाली साइड से चिपका देंगें। 2-3 मिनट के बाद एक स्टिक का प्रयोग कर के इसको बाहर निकाल लेंगें। अगर तंदूर अच्छे से गरम है तब यह 2-3 मिनट में ही पक जाएँगी।
नान को तरह तरह की भरावन के साथ भी बना सकते है। कुछ मुख्य है:
- गार्लिक नान
- हरी मेथी नान
- पनीर नान
- आलू प्याज़ नान
- पुदीना नान
अब इन गरम गरम नान पर देशी घी या बटर लगाकर खाने के लिए परिवार के लोगो को पनीर की सब्ज़ी, छोले या दाल के साथ परोस दीजिये।
8. भटूरा (Types of Roti खमीर के साथ)
सामग्री : मैदा, खाना बनाने वाला तेल
विधि : मैदा को थोड़े से तेल के साथ मिलाकर और 1/2 टी स्पून बेकिंग सोडा डाल कर के अच्छी तरह से गूँथ लेंगें और ध्यान रखेंगे की वो थोड़ा मुलायम ही रहे क्यूंकि तभी इसे हाथों से आसानी से बनाया जा सकेगा। अब इसके बाद इसको 3-4 घंटे के लिए तेल या घी चरो तरफ से लगाकर ढंक के रख देंगें। फिर इसकी माध्यम आकार की गोलियां (लोई) बना लेंगें।
अब एक हाथ में हल्का सा घी या तेल लगाकर लोई को उसपे रख लेंगें और फिर दूसरे हाथ में हल्का सा पानी को लगाते हुए और दोनों हाथों को दबाते हुए धीरे धीरे इसका साइज बढ़ाते जायेंगे और इसे तब तक बढ़ायेंगें जब तक यह बिलकुल पतला न हो जाये।
अब एक कड़ाई में कुकिंग तेल को डाल देंगें और उसे अच्छे से High Temperature होने तक गरम करेंगें। अब इसमें एक एक करके भटूरों को तल लेंगें।
अब इन गरम गरम भटूरों को छोले, अचार, रायते और प्याज़ के साथ खाने के लिए परिवार के लोगो को परोस दीजिये।
9. रूमाली रोटी ( रुमाल Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा और मैदा (3:1 के अनुपात में)
विधि : 3:1 के अनुपात में गेहूं का आटा और मैदा को लेंगें और उसमे थोड़ा सा नमक मिला कर उसे धीरे धीरे पानी मिलते हुए अच्छे से गूँथ लेंगें।
गूंथने के बाद इसे गीले कपडे से ढंक कर के 30-45 मिनट के लिए छोड़ देंगें। फिर इसकी माध्यम या छोटी गोलियां (लोई) बना लेंगें। अब लोई पर थोड़ा सा सूखा आटा लगा कर उसे बेलन की सहायता से बड़ा कर लेंगें।
फिर दोनों हाथों का प्रयोग कर के और उसमे थोड़ा सा पानी लगा कर धीरे धीरे पतला करते करते जायेंगें जब तक की वो रुमाल की तरह न हो जाये।
अब एक उलटे गरम तवे या कड़ाई पे इसको डाल देंगें और 2-3 मिनट तक इसे एक साइड से सेंक लेंगें और फिर 1 मिनट के लिए दूसरी साइड से।
अब इन रूमाली रोटियों को गरम गरम सब्ज़ी के साथ परिवार को खाने के लिए परोस दीजिये।
रूमाली रोटी ज्यादातर मुगलई या हैदराबादी नॉन वेज डिशेस के साथ खाई जाने वाली पसंदीदा रोटी है।
10. चिल्ला या चीला (डोसा Types of Roti)
सामग्री : गेहूं का आटा और मूंग / उरद / चने दाल का आटा, खाना बनाने वाला तेल, जीरा, हींग, नमक और बारीक कटी हुई सब्जियां जो आप चाहें
विधि : चीला कई तरीके से बन सकता है लेकिन हम यहाँ गेहूं का आटा और बेसन ( चना दाल का आटा) से चीला बनाने की बात करेंगे क्यूंकि यह सब से ज्यादा घरों में बनने वाला चीला है।
एक कटोरे में 1:4 के अनुपात में गेहूं का आटा और बेसन ले लीजिये और उसे धीरे धीरे पानी मिलते हुए उसका एक अच्छा सा घोल तैयार कर लीजिये। ध्यान रहे घोल लिसलिसा सा हो ना की ज्यादा पानी पानी जैसा पतला।
अब आप इस घोल में जीरा, हींग, नमक अपने स्वादनुसार मिला दीजिये और इसे अच्छे से फेंट लीजिये। आप चाहें तो इस घोल में सब्जियां भी मिला सकते है, जो इसका स्वाद बड़ा देंगीं और साथ ही साथ इसे और पोषक बना देंगीं।
अब तवे को गैस पर गरम कीजिये और गरम हो जाने पर उसपे अच्छे से तेल को लगा दीजिये। अब एक चमचे की मदद से घोल को तवे पे फैला दीजिये और उसे हिला कर चारो तरफ से बराबर से स्प्रेड कर दे।
अब मध्यम आंच पर इसे 2-3 मिनट के लिए पकने दीजिये। इसके बाद इसके ऊपर फिर से तेल या घी लगा दीजिये और फिर से 1-2 मिनट के लीजिये पकने दीजिये और फिर इसे पलट के दूसरी साइड से भी इसी तरीके से पका लीजिये।
अब इन चीलों को टमाटो सॉस, हरी धनिया की चटनी या पुदीने की चटनी के साथ खाने के लिए घर वालों को दीजिये।
रोटियों के प्रकारों की इतनी बड़ी सूची केवल विविध भारतीय व्यंजनों में ही मिल सकती है। अधिकांश भारतीय ब्रेड व्यंजनों में साबुत गेहूँ का आटा मुख्य घटक होता है, लेकिन आप इसका पोषण बढ़ाने के लिए रागी, ज्वार, बाजरा और अन्य इनके जैसे स्वास्थ्यवर्धक आटे को भी इनके साथ मिला सकते हैं।
हम अपनी सुगंधित करी और मसालेदार स्टिर-फ्राई को विभिन्न प्रकार की भारतीय रोटियों के साथ खाना पसंद करते हैं। प्रत्येक प्रकार अद्वितीय है, जो हमारी पाक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नाश्ते से लेकर रात के खाने तक, विभिन्न क्षेत्रीय व्यंजनों के साथ अलग-अलग प्रकार की भारतीय रोटियाँ बहुत ही सटीकता और जुनून के साथ तैयार की जाती हैं।
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