15 से ज्यादा नाम और Delicious सब्ज़ी एक – जाने सब कुछ इसके बारें में and Recipe
करेले के बारे में तो सभी जानते है क्यूंकि यह बाजार में आसानी से मिलने वाली सब्जी है, लेकिन क्या आप जानते है की करेले का एक छोटा भाई भी है जो बरसात के मौसम में ही सब्जी मंडी में आपको आसानी से मिलता है। इसका नाम है बन करेला (Ban Karela), जिसे इंग्लिश में Spiny Gourd / Spine Gourd कहते है।
बन करेले के बहुत सारे नाम है क्यूंकि इसे भारत के अलग अलग इलाकों में विभिन्न नामों से जाना जाता है। यह है :
- बन करेला
- वन करेला (Van Karela)
- ककोड़ा (Kakoda)
- जंगली करेला (Junglee Karela)
- चठईल (Chathail))
- कंटोला (Kantola)
- राम करेला (Ram Karela)
- पहाड़ी करेला (Pahadi Karela)
- करोल (Karol)
- मीठा करेला (Meetha Karela)
- कटींला परवल (Kanteela Parwal)
- कोरोला (Korola)
- करटोली (Kartoli)
- भाट करेला (Bhat Karela)
- करोल (Karol)
- Spiny Gourd / Spine Gourd
आइये जानते है बन करेला (Spiny Gourd/Spine Gourd) के बारें में
बन करेला भारत के सभी क्षेत्रों और दक्षिण एशिया में सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका व्यावसायिक महत्व है और इसे स्थानीय स्तर पर निर्यात और उपयोग किया जाता है। इस सब्जी को मसालों के साथ पकाया जाता है, या मसालों के साथ तला जाता है और कभी-कभी तले हुए रूप में मांसाहारी व्यंजनों के साथ खाया जाता है।
मूल रूप से यह एक जंगली सब्जी है जो जंगल में मानसून के मौसम में अपने आप उगती है। लेकिन इसके पोषण संबंधी लाभों और भारतीय भोजन में एक अलग स्वाद जोड़ने की गुणवत्ता के कारण, अब इसे पेशेवर रूप से भी उगाया जाता है।
यह सब्जी ज्यादातर भारत के बाजारों में मानसून के मौसम में उपलब्ध होती है और इसे रोटी या पराठे के साथ तली हुई या पकी हुई सब्जी के रूप में खाया जाता है।
इसका वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका डायोइका (Momordica Dioica) है और यह एक मानसूनी सब्जी है जिसका फल आकार में छोटा होता है और बाहरी सतह कांटेदार होती है। हालाँकि, ये कांटे सख्त नहीं बल्कि मुलायम होते हैं।
बाज़ार में इसकी क़ीमत सामान्तया 100-150 प्रति किलो के बीच रहती है, हालाँकि यह कीमत जगह और मौसम के हिसाब से अलग हो सकती है।
जंगली करेला की खेती (How to grow them?)
जंगलों और खेतों की मेड़ों में पाया जाने वाली और सब्जी के रूप प्रयोग की जाने वाली, यह सब्जी बरसात के मौसम में बाज़ारों में ख़ूब दिखती हैं। साथ ही साथ यह मुख्यतया अपने आप उगती है।
यह सब्ज़ी अन्य सब्ज़ियों की तुलना में काफ़ी महँगी होती है। बारिश होने के बाद इसकी बेल अपने आप जंगलों और खेतों में किनारे उगने लगती है और बढ़ने लगती है।
बारिश का सीजन खत्म होते ही पके हुए बन करेले के बीज ज़मीन पर गिर जाते हैं, जो की फिर पहली बारिश के साथ ही फूलने लगते है और बन करेले की बेल जंगल में उग आती है।
इसके बीज आसानी से नहीं मिलने के कारण इसकी खेती करने में कठनाई आती है लेकिन फिर भी किसान इसकी खेती कर ही लेते है। अभी तक एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में भी इसके बीज आसानी से नही मिलते हैं। वन करेला की बेल दो प्रकार के होते हैं। नर पेड़ और मादा पेड़।
वन करेला के पौधे गर्म आर्द्र जलवायु में अच्छा पनपते हैं। इसे उन क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है, जहाँ तापमान 25-40 डिग्री सेल्सियस के मध्य हो, तथा वार्षिक वर्षा का औसत 180-200 सेमी से ज्यादा न हो।
पोषण से भरपूर दोमट मिट्टी इस फसल के लिए सर्वोत्तम होती है। साथ ही साथ इसे बलुई मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। दोमट मिट्टी में इसकी बढ़वार और पैदावार अच्छी तरह से होती है। मीठा करेला की खेती के लिए मिट्टी का पी एच स्तर 6-7 अनिवार्य है।
जंगली वन करेला की दो क़िस्में खेती के रूप में उगायी जाती है,
- छोटे आकार वाले बन करेला और
- इंदिरा आकार(आर एम एफ 37) वाले बन करेला – यह हाइब्रिड किस्म एक नई व्यावसायिक किस्म है। इसे इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई है।
वन करेला की बुआई में किसी स्पेशल तकनीक की ज़रूरत नही है। बीजों को रात में गर्म पानी में रात भर के लिए भिगो दे। इससे अंकुरण अच्छा होता है। बीज को 3 से 4 इंच की दूरी पे बोना चाहिए, अव्यश्कता अनुसार समय-समय पर पानी देते रहें।
25 से 40 डिग्री सेल्सियस का इष्टतम तापमान विकास के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। बुआई के 5-6 दिन में नन्हे पौधे दिखने लगेंगे। इसके बाद इसकी बेल को बढ़ने दीजिये और उसे सहारा देने के लिए दीवार या लठ्ठे का उपयोग करें। 20-25 दिन बाद इसमें पीले रंग के फूल निकलने शुरू हो जायेंगे और फिर थोड़े दिनों बाद वो फल में बदल जायेंगे।
Medical Benefits
- वन करेला के पौधे 2 प्रकार के होते है, नर व मादा
- दोनों तरह के पौधों को मिलाकर सेवन करने से जहरीले सांप का विष भी आपके शरीर में से उतर जाता है। यहाँ हम पौधों की बात कर रहे है, ना की फल की, जिसकी सब्ज़ी बनती है।
- इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा के अलावे मोमोरेडीसिन (Momordisin) तत्व पाया जाता है। इसमें उत्तम एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटीज के गुण होते हैं। स्वाद में थोड़ा कड़वा होते हुए भी यह सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
- हाई ब्लडप्रेशर की बीमारी के लिए ककोड़ा बहुत कारगर दवा है। यह वजन कम करने के साथ हाई ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है।
- इसके कंद का इस्तेमाल मस्सों का खून रोकने और पेशाब की बीमारियों में दवा के रूप में किया जाता है। इसके फल को मधुमेह में असरदार पाया गया है।
- इसके फल करेले की तरह कड़वे नहीं होते। फल के बीज के तेल का उपयोग रंग व वार्निश उद्योग में किया जाता है।
बन करेला बनाने की रेसिपी
सामग्री (Ingredients)
- 250 grams Ban Karela (250 ग्राम बन करेला)
- 1 big onion chopped in slices (1 बड़ा प्याज़ स्लाइस में कटा हुआ)
- 6-5 cloves garlic chopped finely chopped (बारीक कटी हुई लहसुन की कटी हुई 6-5 कलियाँ)
- 1-2 green chili chopped (1-2 कटी हुई हरी मिर्च)
- 1 ripe tomato finely chopped (1 पका हुआ टमाटर बारीख कटा हुआ)
- 2 tsp mustard oil (2 टेबल स्पून सरसों का तेल)
- 1 tsp ginger garlic paste (1 टेबल स्पून अदरख लहसुन का पेस्ट)
- 1/2 tsp turmeric Powder (1/2 टेबल स्पून हल्दी पाउडर)
- 1.5 tsp Coriander Powder (1.5 टेबल स्पून धनिया पाउडर)
- 1 tsp Funnel Seeds (1 टेबल स्पून सौंफ)
- 1 pinch Heeng ( 1 चुटकी हींग)
- 1 tsp Kashmiri red chili (1 टेबल स्पून कश्मीरी लाल मिर्च)
- 1 tsp Cumin Seeds (1/2 टेबल स्पून जीरा)
- 1/2 tsp fried Kasoori Methi (1/2 टेबल स्पून भुनी हुई कसूरी मेथी)
- Salt to taste (नमक स्वाद के अनुसार)
- Chopped Coriander Leaves (कटा हुआ धनिया पत्ता)
बनाने की विधि
- बन करेलों को अच्छी तरह पानी से धो कर थोड़ी देर के लिए सूखा ले।
- फिर बन करेलों की ऊपर की त्वचा को एक चाकू की मदद से खरोंच कर साफ कर लें। अब इनको गोल या लम्बी साइज में काट लें।
- अब एक कड़ाई में सरसो का तेल गरम करें, तब तक जब तक की उसमे से धुंआ न आने लगे। अब गैस को 2-4 मिनट के लिए बंद कर दें।
- तत्पश्चात गैस को फिर से चालू करें (low-medium flame) और उसमे हींग, साबुत सौंफ और साबुत जीरा डाल दें। जीरा को चटकने दें और फिर उसमे प्याज को डाल दें।
- प्याज को चलाते हुए 4-5 मिनट के लिए हल्का भूरा होने तक भून लें।
- इसके बाद इसमें बारीक कटा हुआ लहसुन, हरी मिर्च और अदरख लहसुन का पेस्ट डाल के 1 मिनट के लिए भून लें।
- अब इसमें टमाटर को भी मिला दें और साथ ही साथ स्वादानुसार नमक मिला कर 3-4 मिनट के लिए पका लें।
- टमाटर के पकने के बाद अब इसमें हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर मिला कर 1-2 मिनट के लिए भून लें।
- अब समय हो गया है बन करेला को डालने का, इसीलिए अब कटे हुए बन करेला को इस मिक्सचर में डाल से और 3-4 मिनट के लिए चलाते हुए भून लें।
- अब कड़ाई को एक प्लेट से ढंक दे और सब्जी को 10 मिनट के लिए भाप में पकने दें।
- 10 मिनट बाद ढक्कन को हटाकर और गैस को तेज़ कर के सब्ज़ी को 1-2 मिनट के लिए अच्छे से भून लें।
- जब सब्जी भून जाये तब उसमे भुनी हुई कसूरी मेथी भी डाल दें और उसको भी सब्जी में मिलकर 1 मिनट के लिए भून लें।
- 1 मिनट बाद आपकी सब्जी बन के तैयार हो जाएगी और इसे अब हरी धनिया से गार्निश कर दीजिये।
- गार्निशिंग के बाद इस स्वादिष्ट और सेहतमंद सब्ज़ी को आप अपने परिवार के लोगों को गरम गरम रोटी या पराठे के साथ खाने के लिए परोस सकते है।
Tips:
- आप इसमें आलू भी डाल सकते है अगर खाने वाले ज्यादा हों और बन करेला कम।
- बन करेला की भुजिया बनाने के समय टमाटर का प्रयोग न करें।
- बन करेला भुजिया में प्याज और सौंफ, जीरा की मात्रा को दोगुना कर दें।
- नमक की जगह सेंधा नमक का उपयोग इसको सेहत के लिए और लाभकारी बना देता है।